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Showing posts from February, 2023

खुद से पहचान

जब में तुझे बोलूंगा, में प्यार करता हूं वह शब्द नही, जिम्मेदारी होगी मैंने नही कहा है यह अब तक क्योंकि तुझे प्यार करने से पहले मेरी एक नैतिक जिम्मेदारी है तुझे प्यार करनेवाले से प्यार करूं जब में जानूंगा, की में तुम्हे जानता हूं वह पहचान नहीं, अपनापन होगा मैंने नही जाना है तुम्हे अब तक क्योंकि तुझे जानने से पहले मेरी खुद से पहचान बाकी है तुझे जानने वाले को मैं भी जानूं जब में तेरे साथ जिंदगी बितानी की बात करू जिंदगी तो बीत ही रही है, अविरत लेकिन क्या वो हम बीता रहे है या जिंदगी हमे बीता रही है मेरे हाथो से सरकती हुई यह रेत तेरे हाथो से भी तो सरकती होगी

साधारण सा दिखनेवाला

साधारण सा दिखनेवाला सरल व्यक्ति हूं मैं साधारण सी बोली है सरल करता हु बात प्रेम के मोल में तोल कर शब्दो को लाता हूं साथ ना नैन चुराऊ, ना चुराउ नैनो से काजल ना नाम मेरा चांद पर, ना मेरे नाम का बादल  ना ही किसी तारे पर मेरा नाम गुदवाना है सरलता आभूषण है, जीवन जीने का कारण लहरों की गीली रेत पर रखता हु अपना नाम किताबो के समंदर में गोते लगाना है काम कभी अहिल्या, तो कभी शहरजाद, कभी उर्मिला हूं में ईडीपस में, विक्रम भी में, ग्रेगर समसा है नाम साधारण सा दिखनेवाला, सरल व्यक्ति किंतु इतना साधारण नहीं होता सरल होना भी में सरल हूं, सरल था, रहूंगा परंतु सरलता साधारण होने की निशानी नही साधारण नहीं हूं, एक सरल व्यक्ति हूं मैं साधारण सा दिखनेवाला सरल व्यक्ति हूं मैं