खुद से पहचान

जब में तुझे बोलूंगा, में प्यार करता हूं

वह शब्द नही, जिम्मेदारी होगी

मैंने नही कहा है यह अब तक

क्योंकि तुझे प्यार करने से पहले

मेरी एक नैतिक जिम्मेदारी है

तुझे प्यार करनेवाले से प्यार करूं


जब में जानूंगा, की में तुम्हे जानता हूं

वह पहचान नहीं, अपनापन होगा

मैंने नही जाना है तुम्हे अब तक

क्योंकि तुझे जानने से पहले

मेरी खुद से पहचान बाकी है

तुझे जानने वाले को मैं भी जानूं


जब में तेरे साथ जिंदगी बितानी की बात करू

जिंदगी तो बीत ही रही है, अविरत

लेकिन क्या वो हम बीता रहे है

या जिंदगी हमे बीता रही है

मेरे हाथो से सरकती हुई यह रेत

तेरे हाथो से भी तो सरकती होगी

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